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सीएए के खिलाफ साज़िश (२६ अक्टूबर अंक )सम्पादकीय मोहनभागवद जी के मार्फ़त सही आगाह करता है पुन : चेताता है सोये हुए मुस्लिम समाज को के चंद बौद्धिक भकुए मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम परिंदे आज भी 'पर तौले हुए हैं :

सीएए के खिलाफ साज़िश (२६ अक्टूबर अंक )सम्पादकीय मोहनभागवद जी के मार्फ़त सही आगाह करता है पुन : चेताता है सोये हुए मुस्लिम समाज को के चंद बौद्धिक भकुए मार्क्सवाद के बौद्धिक गुलाम परिंदे आज भी 'पर तौले हुए हैं : परिंदे अब भी पर तौले हुए हैं , हवा में सनसनी घोले हुए हैं।  गज़ब है सच को सच नहीं कहते वो , कुरान-ओ-उपनिषद खोले हुए है. माननीय सुप्रीम कोर्ट धन्यवाद का पात्र है उसने अपना बड़प्पन कायम रखते हुए  शाहीनबाग के पटकथा नायकों को आम आदमी के अधिकार पे कुल्हारा चलाने के लिए उसे कष्ट में डाले रखने के लिए फटकारा है .आज यही आलम रक्तबीज कांग्रेसियों ,उद्धव ठीकरों , पवारों ने कृषि सम्बन्धी विधेयकों के क़ानून  बनने पर किसानों को बरगलाने का खड़ा किया हुआ है।ऐसा ही भरम मुस्लिम भाइयों के नागरिकता छीन लिए जाने का शाहीन बागों की मार्फ़त फैलाया था जिसमें पॉपुलर फ्रंट आफ इंडिआ भी शरीक था।'आप ' के कई विधायक भी।   फ़ारुख अब्दुल्लाओं , महबूबाओं को हवा देने गुपकारी , चीन और पाक के तरफ़दार यही विपक्षी भांड और भौंपू हैं जिनमें कई उकील नुमा जो एक विदेशी  परिवार के पिठ्ठू बने हुए हैं शामिल हैं ये रक्तबीज प