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क्या कीजियेगा भारतीय राजनीति के इस 'राहु 'का जिसे 'क्या ट्वीट किया जाए क्या न किया जाए 'इसका ज़रा भी इल्म नहीं है

Search Results Images for image sonia rahul latest नज़र का इलाज़ हो सकता है नज़रिये का नहीं। क्या कीजियेगा जब आँख में हो काला मोतिया  और व्यक्ति हो इससे अन -भिज्ञ ,पूर्ण अंधत्व की ओर ही जाएगा फिर तो।  चरण चाटुकारों की चौकड़ी से घिरा यह चीन -पचासी ,चीन प्रवक्ता  बालक।  क्या कीजियेगा भारतीय राजनीति के इस 'राहु 'का जिसे 'क्या ट्वीट किया जाए क्या न किया जाए 'इसका ज़रा भी इल्म नहीं है।  इल्म न सऊर ,गुरूर ही गुरूर ,हाथ न मुठ्ठी फड़फड़ा उठ्ठी।  इस अबुद्ध कुमार को ट्वीट का शाब्दिक अर्थ शायद न पता हो।हम बतला देते हैं : चीं चीं चै चै , बोले तो ट्वीट।   क्या कीजियेगा ऐसे लिली पूत का लिलिपुटियन का ?बौने शहज़ादे का ? ट्विटर ट्विटर खेलने वाले मतिमंद अबुधकुमार एलियाज़ राहुल विन्ची का जो अक्ल से पैदल हैं भेजा अंदर से खाली है जी हाँ बिलकुल खाली। इसमें इस बेचारे का कोई दोष भी नहीं है जैसा बीज वैसा फल। वो नागम्मा इस गाम -चू की अम्मा इस देश की भाषा आज तक न सीख सकी है न  कभी सीख सकेगी। इस बे -चारे को न देश का भूगोल पता है न इतिहास।पता भी हो तो कैसे ? जब 

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इक टहनी पे चाँद टिका था इक टहनी पे चाँद टिका था मैं ये समझा तुम बैठे हो मैं ये समझा तुम बैठे हो मैं ये समझा तुम बैठे हो

Mujhse Bichhad Ke Khush Rehta Ho Jagjit Singh मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो मेरी तरह तुम भी झूठे हो मेरी तरह तुम भी झूठे हो मुझसे बिछड़ के खुश रहते हो इक टहनी पे चाँद टिका था इक टहनी पे चाँद टिका था मैं ये समझा तुम बैठे हो मैं ये समझा तुम बैठे हो मैं ये समझा तुम बैठे हो उजले उजले फूल खिले थे उजले उजले फूल खिले थे बिलकुल जैसे तुम हँसते हो बिलकुल जैसे तुम हँसते हो बिलकुल जैसे तुम हँसते हो मुझको शाम बता देती है मुझको शाम बता देती है तुम कैसे कपड़े पहने हो तुम कैसे कपड़े पहने हो तुम कैसे कपड़े पहने हो तुम तनहा … https://www.youtube.com/watch?v=szuSccAnzQo अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जायेगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझे चाहेगा तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लायेगा ना जाने कब तेरे दिल पर नई सी दस्तक हो मकान ख़ाली हुआ है तो कोई आयेगा मैं अपनी राह में दीवार बन के बैठा हूँ अगर वो आया तो किस रास्ते से आयेगा तुम्हारे साथ ये मौसम फ़रिश्तों जैसा है तुम्हारे बाद ये मौसम बहुत सतायेगा बशीर