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लोहे का पुल:कवि मंजीत सिंह

 लोहे का पुल:कवि मंजीत सिंह  ठेकेदार ने पुल नहर की बजाय कागज़ पर बनाया सीमेंट इंजीनियर पी गया लोहा ठेकेदार निगल गया  शेष विभाग वालों ने पचाया।                  पांच साल बाद  रंग रोगन करने वाला  ठेकेदार हो गया परेशान उसे न तो पुल मिला  न हीं उसका कोई निशान। पता करते करते वो पुल बनाने वाले ठेकेदार के घर आया वो बेहोश होते होते बचा जब उसे पता लगा कि ठेकेदार ने  तो  नहर पर पुल ही नहीं बनाया। पुल वाला ठेकेदार  पेंट वाले से बोला- तुम ठेकेदार अभी कच्चे हो इस फील्ड में बिल्कुल बच्चे हो राष्ट्र के निर्माण में तुम भी  अपना हाथ बंटाओ लोहे का पुल हमने खा लिया है पेंट तुम पी जाओ। हमारी टिपण्णी :२०१४ से पहले के भारत में बहुत सारा काम इसी अंदाज़ में हुआ है। शुक्र है स्कीमिंग और स्कैम्स दोनों आज के भारत में गए कल की बात है। व्यंग्य विनोद शैली में सरदार कवि मंजीत सिंह बड़ी से बड़ी बात अनायास कह देते हैं। 

अतिथि कविता :मगर हूँ बाप बेटी का (कविवर सरदार मंजीत सिंह )

  अतिथि  कविता :मगर हूँ बाप बेटी का (कविवर सरदार मंजीत सिंह )  है जलती आग सीने में नहीं डरता सिकंदर से , मगर हूँ बाप बेटी का ,डरा रहता हूँ अंदर से।  वो दिखती हँसनी  सी है ,वो कोयल जैसा गाती है, उजाला हर तरफ होता ,वो जब भी मुस्कुराती है।  वो चम्पा है चमेली है ,वो खुश्बू रातरानी सी  , है छोटी उम्र पर बातें ,वो करती है सयानी सी।  वो विद्या में विजयी होती ,भिड़े किस भी धुरंधर से। हवाएं आजकल घोले ज़हर ,चहुँ ओर चलती हैं , नशेमन ख़ाक करने को बहुत बिजली मचलती है।  नहीं बादल में वो अमृत ,बस अब एसिड बरसता है , गली में भौंकते कुत्ते सड़क पे साँप डसता   है,  शहर और गाँव के रावण ,हैं दीखते सब कलंदर से।  समझते खुद को सागर सा, जो नाले हैं ये बरसाती , इन्हीं में गंदगी करते दरोगा और नेताजी।  जो रक्षक हैं   गौरइया के ,जलाकर आग बैठे हैं , सभी धर्मों के ठेकेदार फतवे देके ऐंठें हैं।  बया कितने बनाये घौसले भय  लगता बंदर से।  विशेष :सरदार मंजीत सिंह से मेरा परिचय १९७० के दशक से है तब जब मैं राजकीय महाविद्यालय नारनौल  में व्याख्याता के बतौर काम कर रहा था और आप एक होनहार छात्र थे जिसकी सांस्कृतिक गतिविधियों में अभ

राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मुलाकात के बाद कहा है कि भुलई भाई (Bhulai Bhai) की सरलता और सादगी प्रेरणादायक है। दरअसल भुलई भाई बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में एक हैं, पिछले साल पीएम मोदी ने भी इनसे फोन पर बात की थी।

  नई दिल्ली देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ( Rajnath Singh ) ने उत्तर प्रदेश के कुशीनगर में रहने वाले पूर्व विधायक 106 वर्षीय नारायणजी उर्फ भुलई भाई ( Bhulai Bhai ) से गुरुवार को दिल्ली स्थित यूपी भवन में मुलाकात की। इस बात की जानकारी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने खुद ट्वीट कर दी। राजनाथ सिंह ने मुलाकात के बाद कहा है कि भुलई भाई की सरलता और सादगी प्रेरणादायक है। बता दें कि भुलई भाई बीजेपी के सबसे वरिष्ठ नेताओं में एक हैं, पिछले साल पीएम मोदी ने भी इनसे फोन पर बात की थी। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 106 साल के पूर्व विधायक श्रीनारायण उर्फ भुलई भाई से मुलाकात करने के बाद ट्वीट किया- 'विजयादशमी की पूर्व संध्या पर उ. प्र.से जनसंघ के विधायक रहे और वर्तमान में देश के वरिष्ठतम पार्टी कार्यकर्ता, 106 वर्षीय श्री नारायण जी ‘भुलई भाई’ से भेंट करके सुखद अनुभूति हुई। उनकी सरलता और सादगी बेहद प्रेरणास्पद है। मैं माँ दुर्गा से उनके उत्तम स्वास्थ्य की कामना करता हू।' 1977 में जब मैं विधायक था, तब वे भी विधायक थे- राजनाथ सिंह रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भुलई भाई से मिलने मैं आया था। शायद