सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

Lock Down (HINDI POEM )

Image result for lock down images चलो एक मील चलकर देखें , घर में बंद लोगों से मिलकर देखें।                  --------------------  श्री मुरारी लाल मुद्गिल  ,एन -५७७ ,जलवायुविहार सेक्टर २५ ,नोयडा -२०१ ३०१ कहीं रूठ गया हो न भाईचारा , कुंठित  होगा घर में बैठा बेचारा। मंदिर में बुक करवाई थी उसने ढोलक , बहुत मुद्द्त  के बाद होने वाली थी रौनक। लग्न पत्रिका होने थे ,हल्दी, तेल, बान ,  वस्त्राभूषण लेने देने के, गिनती पहचान। उसने रखा था रामायण का अखंड पाठ , उसकी भी होनी थी शादी की वर्ष गांठ , वार्षिक श्राद्ध अमावस्या(मावस ) को माँ का करना था , गई पूर्णिमा (पूनों ) को दादाजी का पिंड भरना था। बहुत दिनों से नहीं लाँघी थी मंदिर की  देहरी , लबालब लोगों से  सजते बाज़ारों  की फेरी। बहुत दिनों से मिले नहीं अब मन  करता है , स्पर्श कहीं हो न जाए सच कहूँ तन डरता है। इधर उधर देखा प्रकृति को कुछ घबराई सी  थी , उतरा चेहरा रंगत गायब आँखें अलसाई सी थीं। रूठी थी वो मानव ने जब से सजना  को छोड़ा है ज्ञान शान और अहंकार से नाता जोड़ा है। प्रस्तुति :वीरेंद्र शर्मा (

कविता :कठिन डगर है:मास्टर चिन्मय शर्मा ,कक्षा ९ , रामाकृष्णापुरम शाखा ,दिल्ली पब्लिक स्कूल (दक्षिणी -दिल्ली )

अतिथि स्तम्भ :रचनाकार मास्टर चिन्मय शर्मा ,कक्षा ९ , रामाकृष्णापुरम शाखा ,दिल्ली पब्लिक स्कूल (दक्षिणी -दिल्ली )कविता :कठिन डगर है कठिन डगर है लम्बा सफर है , पर हमें न कोई डर है।            (१ ) मुसीबत बड़ी है ,इक नौबत आ खड़ी हुई है , मगर साहस का यह वर है , कठिन डगर है लम्बा सफर है ,पर हमें न कोई डर है।           (२ ) ये महामारी संसारी ,जिसने दुनिया तबाह कर दी है सारी , मगर अपनी रक्षा के लिए हम तत्पर हैं , साहस का हम एक विशाल सरोवर हैं , कठिन डगर है लम्बा सफर है ,पर हमें न कोई डर है। विशेष :जी हाँ हम भारत के , बच्चे निडर हैं ।अडिग हैं ,कोरोना का हमें  न कोई डर  है। साहस से मुकाबला कर लेंगे हम इस सफर का।हर आपदा का। काल कोरोना जाएगा ,मंगल प्रभात फिर आएगा।आपदा आती भी हैं तो जातीं भी हैं। सूरज किसके छिपाए छिपा है। ये बदली को -रो ना की क्या कर लेगी।