Shared with Public The body has to reduce to its basic elements of which it was an aggregate ,Dr Vageshji remains in my speech enriched vocabulary ,in my hemoglobin and the pen which.he passed on to any akin to me. veerujan.blogspot .com veerujan.blogspot .com JAGRAN.COM नहीं रहे भाषा-दर्शन के मर्मज्ञ डॉ. नंदलाल मेहता 'वागीश' अखिल भारतीय साहित्य परिषद के पर्याय रहे वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. नन्दलाल महता वागीश का बुधवार सुबह निधन हो गया। 2 Meenakshi Sharma and Amit Saini दैहिक आकर्षण से ज्यादा खिंचाव व्यक्ति की वाणी और सम्भाषण में होता है ,वागीश जी के संसर्ग में उनके वाक् का यह आकर्षण मेरे दिलो -दिमाग में लगातार बढ़ता रहा। अभी और बढ़ता चरम को छूता इससे पहले वह चले गए। भले इसके संकेत मुझे प