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ज़हर की पुड़िया और भारतीय लोकतंत्र

ज़हर की पुड़िया और भारतीय लोकतंत्र
"We Will Win Maharashtra Floor Test," Says Sonia Gandhi

सुना है  इन दिनों केंद्रीय सुल्तानों ने भारत की फ़िज़ा में ज़हर घोल दिया है। भारतीय लोकतंत्र विषाक्त हो गया है इस ज़हर को बे -असर करने के लिए एक मल्लिका ने शिवसेना से समझौता किया है। सुना यह भी गया है फडणवीस जी ने लोकतंत्र को बंधक बना लिया था।
यह तो वही बात हो गई जिसे लोकतंत्र के इम्तिहान में सबसे ज्यादा नंबर मिले वह फस्ट नहीं आया है। इस परीक्षा में  हार जाने वाले तीन फिसड्डी मिलकर कह रहे हैं फ़स्ट हम आएं हैं क्योंकि हमारे कुल तीनों के मिलाकर नंबर ज्यादा हैं।
इस मलिका को विशेष कुछ पता नहीं है अपने आपको 'आज़ाद  'कहने वाला एक 'गुलाम ' जो अपने को नबी भी बतलाता है जो कुछ लिखकर दे देता है यह वही बोल देती है। रही सही कसर एक 'पटेल' पूरी कर देते हैं जो अहमद भी हैं और पटेल भी।
वह  सेकुलर ताकतों का गठ जोड़ कहा जाता है। जहां हारे हुए तीन जुआरी  सेकुलर हो जाते हैं शकुनी  की तरह पासे फेंक कर।  जीते हुए साम्प्रदायिक कहलाते हैं इनकी जुबां में।
आज यह सवाल पहले से ज्यादा मौज़ू हो गया है : भारत में कौन कहाँ कब 'सेकुलर' हो जाए इसका कोई निश्चय नहीं। किसी जेल की चौहद्दी से एक ईंट सरक जाए तो वहां से तीन सेकुलर निकल आते हैं। ज़मानत पे छूटे लोग कल को नीतीश से चुनाव पूर्व गठबंधन करके खुद को सेकुलर घोषित कर सकते हैं। ये ट्रेन में भी सेकुलर कम्पार्ट की बात कहते रहें हैं। मुंह में बीड़ा रखकर यह साहब उकीलों की तरह ज़बान को बिगाड़ कर बोलते हैं चरवाहा विश्वविद्ययालय से यह ज़नाब एम.ए एल.एल.बी वगैरह वगेहरा  हैं।
काम की बात पे लौटते हैं वो 'मलका 'उद्धव साहब के शपथ ग्रहण समारोह में न खुद पहुंची न अपने लौंडे को पहुँचने दिया कल को सरकार गिर जाए तो यह कह सकती है हम तो इसलिए दिल्ली छोड़ के गए ही नहीं थे।हमें पहले से पता था। लेकिन मरता क्या न करता लोकतंत्र को विषाक्त होता हम कैसे देखते ?



बहरसूरत इस मल्लिका का योगदान भारतीय लोकतंत्र को जीवित रखने में अभूत -पूर्व रहा है। उस  मराठा शौर्य को इस विषदंतों ने अपने निश्चय से गिरा दिया है जिसने महारानी लक्ष्मी बाई के साथ मिलकर भारत की चौतरफा हिफाज़त करते अपने जान गंवाई थी जिसके लिए पूरा अखंड भारत मायने रखता था एकल महाराष्ट्र नहीं। सलामत रहे यह रक्तबीज जिसने खुद ही  नेहरुवियन खूंटा उखाड़ फेंका है जो अपने पति के हत्यारों की आँखें निकालने की कौन कहे उन्हें माँ कर देती है। यह इस देश की शौर्य परम्परा वीरांगनाओं की तौहीन है। असली ज़हर की पुड़िया कौन है ?लोग एक  दूसरे से पूछ रहे हैं। 

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