NOV 9 चलती को गाड़ी कहे ,खरे दूध का खोया , रंगी को नारंगी कहे ,देख कबीरा रोया यस्य सत्ता न अस्ति एवं गते तद् प्रतीयते अर्थात जिसकी सत्ता नहीं है पर वह प्रतीत हो वह माया है चलती को गाड़ी कहे ,मालतत्व को खोया , रँगी को नारंगी कहे ,देख कबिरा रोया। चलती को गाड़ी कहे ,खरे दूध का खोया , रंगी को नारंगी कहे ,देख कबीरा रोया। We say "being lost "to very essence of milk (milk product Khoya,is obtained when milk is boiled for a long time on slow and steady heat ,and becomes milk extract Khoya, the semi solid remnant )extract and people say colorless to a colored fruit . Narangi (orange coloured citrous fruit) . कबीर कहते हैं इस संसार की रीति बड़ी उलटी है चलती हुई चीज़ को लोग गढ़ी हुई (गाढ़ी रुकी हुई ) कह रहे हैं। तथा दूध का जो सत्व (मालतत्व ,खोया /मावा है )उसे कह रहे हैं खोया हुआ (जिसे खो दिया गया हो ). जो पहले से ही रँगी हुई है उसे कह रहे हैं ना -रंगी (अर्थात रंगी हुई नहीं है ) बिना...