सुरक्षा पर सस्ती राजनीति (प्रथम संपादकीय दैनिक जागरण ,१६ सितंबर २०२० )भारत धर्मी समाज के चिंतन मनन का दर्पण हैं वृहत्तर भारत धर्मी समाज इसी विध प्रति-क्रिया करता है देश की अखंडता सम्प्रभुता के मुद्दे पर। जहां तक राहुल गांधी साहब के बचकाने वक्तव्यों का सवाल है वह ऐसे प्रलापों का उनके शब्दों में कटाक्षों का आशय न समझते हों ऐसा नहीं है दरसल अब नेहरुअवशेषी कांग्रेस के पास न तो कुछ खोने को है न देने को। राहुलजी खुद ज़मानत पर हैं।
प्रतिरक्षा मंत्री की संसद में दो टूक बयानी स्थिति की गंभीरता को रौशनी में लाती है। वह देश जिसके बगल में दो दो शत्रु हो एक बड़ा दूसरा उसका बगलबच्चा वह ऐसी बचकानी हरकत नहीं कर सकता जैसा राहुल जी करते आये हैं इन दिनों।
खुद को रातों रात मशहूर किया है मैं ने ,
आज अपने से बड़े शख्स को ंगाली दी है।
देश तो सेना के साथ खड़ा है आखिर प्रधानमन्त्री चीन के खिलाफ कब खड़े होंगे -जिस लड़के को पायजामे का इज़ारबंद भी बाँधने का सुऊर न हो वह कुछ भी कह सकता है। नेहरुवियन कांग्रेस ने जो देश की अखंडता के खिलाफ विष बोया था वह अब फल देने लगा है। राहुल उसी का आस्वाद हैं।
वीरेंद्र शर्मा (८७० /३१ ,भू -तल ,निकटस्थ एफ. एम. स्कूल ,फरीदाबाद १२१ ००३ )
८५ ८८ ९८ ७१ ५० )
कृपया भौतिक विज्ञानों पर विशेष आलेख के लिए निमंत्रित करें विषय सुझाएँ अपनी आवश्यकता के अनुरूप। मैं १९८० के दशक से दैनिक जागरण के लिए स्वास्थ्य पन्ना पर लिखता रहा हूँ बरसों बरस ।हरे कृष्णा !
प्रतिरक्षा मंत्री की संसद में दो टूक बयानी स्थिति की गंभीरता को रौशनी में लाती है। वह देश जिसके बगल में दो दो शत्रु हो एक बड़ा दूसरा उसका बगलबच्चा वह ऐसी बचकानी हरकत नहीं कर सकता जैसा राहुल जी करते आये हैं इन दिनों।
खुद को रातों रात मशहूर किया है मैं ने ,
आज अपने से बड़े शख्स को ंगाली दी है।
देश तो सेना के साथ खड़ा है आखिर प्रधानमन्त्री चीन के खिलाफ कब खड़े होंगे -जिस लड़के को पायजामे का इज़ारबंद भी बाँधने का सुऊर न हो वह कुछ भी कह सकता है। नेहरुवियन कांग्रेस ने जो देश की अखंडता के खिलाफ विष बोया था वह अब फल देने लगा है। राहुल उसी का आस्वाद हैं।
वीरेंद्र शर्मा (८७० /३१ ,भू -तल ,निकटस्थ एफ. एम. स्कूल ,फरीदाबाद १२१ ००३ )
८५ ८८ ९८ ७१ ५० )
कृपया भौतिक विज्ञानों पर विशेष आलेख के लिए निमंत्रित करें विषय सुझाएँ अपनी आवश्यकता के अनुरूप। मैं १९८० के दशक से दैनिक जागरण के लिए स्वास्थ्य पन्ना पर लिखता रहा हूँ बरसों बरस ।हरे कृष्णा !
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