इतनी मीठी स्वरलहरी कभी कभार ही अब मन को मोहित करती है। जब करती है तो करती ही चली जाती है। बरसों बाद संगीत की यह माधुरी सुनी जो किसी भाषिक अलंकरण की मोहताज़ नहीं दिखती।सीधी सपाट पंजाबी बोली यही तो लोक का जादू है ,वही जो सर चढ़के बोलता रहा है। गदगद हुआ मन आह्लादित है इस मधुर लय - तान और उतने ही सुंदर फिल्मांकन पर। आप भी आनंद लीजिये :
तू यूं ना जुदाइयोँ की बातें किया कर ,
हम छोटे दिल वाले हैं डर -जायेंगें।
हम तुझमें इतना डूब गए जैसे मछली पानी में ,
अरे! बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
निभाईं रस्मा वे ,ओ तनु कस्मा वे ,
तू मैनु छोड़ियो ना , ओ मेरे खसमा वे ,
हम खाली खाली खाली ,इस खाली दुनिया में ,
तू हाथ ज़रा लगाना ,रे भर जाएंगे।
हम तुझमें इतना डूब गए जैसे मछली पानी में ,
अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
तुम्हें कभी जो मुझको छोड़ कर ,फिर वापस आना होगा ,
मेरे घर का पता मेरे शहर का पागल खाना होगा।
ओ तेरे बिन ये दुनिया वाले ,दुनिया वाले ओ जानी ,
हाय ! पूछ पूछ तेरा हाल ,पागल कर जाएंगे।
हम तुझमें इतना डूब गए जैसे मछली पानी में ,
अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
ये बस बातें कर सकते हैं ,और कुछ भी कर नहीं सकते ,
ये तेरे दीवाने नकली से ,तेरे वास्ते मर नहीं सकते।
एक हम हैं तेरी खातिर ,बस तेरे कहने पे ,
हाय ! बिना किसी सवाल ,सूली चढ़ जाएंगे।
हम तुझमें इतना डूब गए जैसे मछली पानी में ,
अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
अरे बाहर अगर निकले तो मर जाएंगे।
प्रेम धुन -
गीतकार :जानी ,
संगीत :बी प्राक
गायक :गुरु रंधावा
हज़ारों साल नरगिस अपनी बे -नूरी पे रोती है,
बड़ी मुश्किल से होता है ,चमन में दीदावर पैदा।
इतनी मीठी स्वरलहरी कभी कभार ही अब मन को मोहित करती है। जब करती है तो करती ही चली जाती है। बरसों बाद संगीत की यह माधुरी सुनी जो किसी भाषिक अलंकरण की मोहताज़ नहीं दिखती।सीधी सपाट पंजाबी बोली यही तो लोक का जादू है ,वही जो सर चढ़के बोलता रहा है। गदगद हुआ मन आह्लादित है इस मधुर लय - तान और उतने ही सुंदर फिल्मांकन पर। आप भी आनंद लीजिये :
https://www.youtube.com/watch?v=U7S5vjFxsoc
Hum Tujh Me Itna Doob Gaye (Official Video) Guru Randhawa Ft. Urvashi R | Hum Tujh Me Itna Doob Gaya
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें