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राहुल भैया ,गाल बजैया , बंद करो अब ता ता थइयाँ।

राहुल भैया ,गाल बजैया ,

बंद करो अब ता ता थइयाँ। 

बंद करो ये चिठ्ठी चिठ्ठा ,

काबू में रखों खड़गैया ,

घर में देखो अपनी मैया। 

देश घिरा संकट में  भारी ,

अब तो छोड़ो ये नंगैया। 

दुखद है संकट की इस असाधारण घड़ी में जबकि तमाम देश भारत की मदद को आगे आ रहे हैं कुछ लोग और उनकी मैया ,बहनैया इसी सोच के दीगर लोग पानी पी पीकर इंतजामिया को कोस रहे हैं। राष्ट्रपति और  प्रधान मंत्री को नित्य चिठ्ठी लिख रहें हैं। बिना टीका लगवाए कथित किसान नेताओं की तरह बे -लगाम घूम रहे हैं। शरम सारी बेच खाई अब नंगई पे उतर  आये हैं। 

भारत ने था वक्त पर दिया सभी का साथ ,

बढ़ा रहें हैं इसलिए सभी मदद का हाथ। 

सभी मदद का हाथ यही तो मानवता है ,

संकट के पल दौड़ पड़ो पाए बिन न्योता। 

देखि सभी के कष्ट रहे ,यदि आप नदारद ,

तो कैसे उम्मीद करो औरों से भारत। 

                    ---------कविवर ॐ प्रकाश तिवारी। 

  

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